EPS Pension Hike: कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) देश के कामकाजी वर्ग के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है। इस योजना के अंतर्गत कर्मचारियों को 1000 से 2000 रुपए तक की न्यूनतम पेंशन की सुविधा प्रदान की जाती है। यह योजना 1 सितंबर 2014 के बजट में लाई गई थी और तब से निरंतर संचालित की जा रही है। मूल रूप से इस योजना की शुरुआत 16 नवंबर 1995 को की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना था। लंबे समय से इस योजना के अंतर्गत मिलने वाली पेंशन राशि में कोई वृद्धि नहीं हुई है, जिसके कारण पेंशनभोगियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
पेंशन वृद्धि की लंबे समय से चली आ रही मांग
ईपीएस योजना लागू होने के बाद से अब तक पेंशन राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई है। कर्मचारियों को अभी भी 1000 से 2000 रुपए की न्यूनतम पेंशन ही मिल रही है, जबकि इस दौरान महंगाई में काफी वृद्धि हो चुकी है। पिछले कई वर्षों से, विभिन्न श्रम संगठनों और ट्रेड यूनियनों द्वारा पेंशन राशि में वृद्धि की मांग लगातार की जा रही है। ये संगठन बार-बार सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि वह बढ़ती महंगाई को देखते हुए पेंशन राशि में उचित वृद्धि करे, ताकि सेवानिवृत्त कर्मचारी अपना जीवन सम्मानपूर्वक जी सकें।
नई खुशखबरी: पेंशन में हो सकती है 650% की बढ़ोतरी
अब पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार कर्मचारी पेंशन योजना के अंतर्गत मिलने वाली पेंशन राशि में 650% तक की भारी बढ़ोतरी करने पर विचार कर रही है। वर्तमान में जहां पेंशनभोगियों को 1000 रुपए प्रति माह की न्यूनतम पेंशन मिलती है, वहीं नए प्रस्ताव के अनुसार यह राशि बढ़कर 7,500 रुपए प्रति माह हो सकती है। यह वृद्धि पेंशनभोगियों के लिए बहुत बड़ी राहत साबित होगी और उनके आर्थिक जीवन को मजबूती प्रदान करेगी।
संसदीय समिति की भूमिका और सिफारिशें
इस महत्वपूर्ण कदम में एक संसदीय समिति की महत्वपूर्ण भूमिका है। भाजपा सांसद बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता वाली यह समिति कर्मचारी पेंशन योजना का मूल्यांकन कर रही है। समिति ने श्रम मंत्रालय को कर्मचारी पेंशन योजना की समीक्षा करने का सुझाव दिया है। समिति की सिफारिश है कि सत्र 2025 के अंत तक इस योजना की थर्ड पार्टी समीक्षा पूरी कर ली जाए। समिति का यह भी मानना है कि 2014 की तुलना में 2024 में जीवन यापन की लागत कई गुना बढ़ चुकी है, इसलिए पेंशन में भी समान अनुपात में वृद्धि होनी चाहिए।
पेंशन वृद्धि से पेंशनभोगियों को मिलेगी आर्थिक सुरक्षा
अगर प्रस्तावित पेंशन वृद्धि को मंजूरी मिल जाती है, तो यह पेंशनभोगियों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है। अभी जहां 1000 रुपए की पेंशन से बुजुर्गों को अपना गुजारा करना मुश्किल होता है, वहीं 7,500 रुपए की पेंशन से वे अपनी बुनियादी जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकेंगे। बढ़ी हुई पेंशन से उन्हें अपने स्वास्थ्य, भोजन और अन्य आवश्यक खर्चों के लिए अतिरिक्त धन मिलेगा। इससे उनका जीवन स्तर बेहतर होगा और वे आर्थिक तनाव से मुक्त रहेंगे। बढ़ी हुई पेंशन से पेंशनभोगियों को अपने परिवार पर बोझ बनने की चिंता भी नहीं रहेगी।
पेंशन वृद्धि के संभावित प्रभाव
कर्मचारी पेंशन योजना में प्रस्तावित वृद्धि का प्रभाव बहुत दूरगामी हो सकता है। सबसे पहले, इससे ईपीएस के लाखों लाभार्थियों के जीवन स्तर में सुधार होगा। दूसरा, यह वृद्धि देश की अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहित करेगी, क्योंकि बढ़ी हुई पेंशन से पेंशनभोगियों की क्रय शक्ति बढ़ेगी। तीसरा, यह वृद्धि अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए भी एक मिसाल बन सकती है, जिससे अन्य योजनाओं में भी समान वृद्धि की मांग उठ सकती है। इस प्रकार, पेंशन वृद्धि न केवल पेंशनभोगियों के लिए बल्कि समग्र रूप से समाज के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है।
कर्मचारी पेंशन योजना में प्रस्तावित वृद्धि सरकार की ओर से एक सकारात्मक कदम है। पिछले कई वर्षों से पेंशन राशि में कोई बढ़ोतरी न होने के कारण पेंशनभोगियों को बढ़ती महंगाई के बीच अपना गुजारा करना मुश्किल हो रहा था। अगर संसदीय समिति की सिफारिशों को मंजूरी मिल जाती है और पेंशन राशि 1000 रुपए से बढ़कर 7,500 रुपए हो जाती है, तो यह पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत होगी। इससे उनका आर्थिक भविष्य सुरक्षित होगा और वे सम्मान के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकेंगे।
अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। पेंशन वृद्धि से संबंधित अंतिम निर्णय सरकारी अधिसूचना के बाद ही मान्य होंगे।